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राष्ट्र के प्रति विद्यार्थियों का कर्तव्य

 



या वेश का भविष्य विद्यार्थियों के हाथ में होता है' कथन के आधार पर बताएँ कि देश के प्रति विदयार्थियां के क्या कर्तव्य हैं? किसी भी देश का भविष्य उसके भावी नागरिकों के हाथ में होता है। विद्यार्थी किसी भी देश के लिए गर्व का विषय होते हैं। वे ही देश के भीतर की अज्ञानता को दूर करने वाले होते हैं। उन्हीं के कंधों पर देश के नव-निर्माण का भार होता है। अतः विद्यार्थियों का अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होना अति आवश्यक है। विद्यार्थियों के जागरूक होने से देश अपने-आप प्रगति की राह पर अग्रसर होता है।


हमारा देश स्वतंत्र है, परंतु अनेक समस्याओं से घिरा हुआ है; जैसे-रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद इत्यादि। ऐसे में देश के नागरिकों का कर्तव्य बनता है कि वे अपने देश को समस्याओं से निजात दिलाएँ। विद्यार्थी देश का मेरुदंड होते हैं, जिस पर देश का विकास टिका है। अगर विद्यार्थी अपने अध्ययनकाल से ही संयमी, परोपकारी, साहसी हों तो देश को अच्छे नागरिक प्राप्त होंगे। विद्यार्थियों को चाहिए कि जो बुराइयाँ देश को खोखला बना रही हैं, उन्हें पहचानकर उनसे लड़ने की योजना तैयार करें।


विद्यार्थियों को चरित्र निर्माण की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्हें सादगी और सरलता से शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। इसका अर्थ यह नहीं है कि उन्हें संन्यास ले लेना चाहिए, बल्कि शिक्षा को शिक्षा की तरह ग्रहण करना चाहिए। उन्हें मात्र किताबी कीड़ा न होकर सच्ची शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए, जो उनके सर्वांगीण विकास में सहायक हो। विद्यार्थियों को सभी धर्मों का आदर करना चाहिए, जिससे समाज में बराबरी आएगी। विद्यार्थियों को क्षेत्रवाद जैसी भावनाओं पर बिलकुल ध्यान नहीं देना चाहिए। अपनी पहचान भारतीय के रूप में बनानी चाहिए। विद्यार्थियों को अपने भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए। अगर विद्यार्थी अपने देश की कमियों की ओर ही ध्यान देते रहेंगे तो वे अपने देश के शक्तिबोध को हानि पहुँचाएँगे, उन्हें कभी ऐसा करना भी नहीं चाहिए। ऐसे विद्यार्थियों पर देश को भी गर्व होगा।

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